Benefits of Term Insurance!
अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिए टर्म इंश्योरेंस(Term Insurance) एक अच्छा विकल्प हो सकता है. साथ ही यह आपको टैक्स बचत में भी मदद करता है. हालांकि इसमें मैच्योरिटी बेनिफिट या इन्वेस्टमेंट बेनिफिट जैसा तो कुछ नहीं होता लेकिन कुछ अतिरिक्त लाभ जरूर होते हैं. आइए आपको बताते हैं इन्हीं एक्स्ट्रा बेनिफिट्स के बारे में—
नॉमिनी को मिल सकती है मंथली इनकम
टर्म प्लान में पैसे एक साथ लगाए जाने या फिर मंथली इन्स्टॉलमेंट में जमा किए जाने की सुविधा रहती है. साथ ही एश्योर्ड अमाउंट पर मंथली इनकम हासिल करने की सुविधा भी मिलती है.इसमें एश्योर्ड अमाउंट का एक तय आंकड़ा कुछ निश्चित सालों तक मंथली इनकम के रूप में मिलता है. उदाहरण के तौर पर अगर आपका टर्म प्लान 1 करोड़ रुपये का है तो इसमें 0.5 फीसदी मंथली इनकम के तौर पर 10 साल तक मिलेगा. यानी महीने के 50,000 रुपये.
इसमें एक लगातार बढ़ने वाली इनकम का आॅप्शन भी मौजूद रहता है, जिसके तहत मंथली इनकम हर साल बढ़ती जाती है. बढ़ोत्तरी का परसेंटेज मंथली इनकम का 10 फीसदी हो सकता है. यानी अगर पहले साल मंथली इनकम 50000 रुपये है तो अगले साल यह 55000 रुपये होगी, तीसरे साल यह 60500 रुपये होगी और ऐसे ही बढ़ती जाएगी.
ज्वॉइंट में ले सकते हैं पॉलिसी
अगर आप प्रीमियम के मोर्चे पर बचत करना चाहते हैं तो इसके लिए टर्म प्लान आपको ज्वॉइंट में पॉलिसी लेने का भी आॅप्शन देते हैं. इसमें पति और पत्नी दोनों एक ही टर्म प्लान का हिस्सा हो सकते हैं. यानी एक ही प्रीमियम पर देानों इंश्योर्ड हो सकते हैं. हालांकि इसके लिए कुछ टर्म एंड कंडीशन रहते हैं.
बना सकते हैं एक से ज्यादा नॉमिनी
टर्म प्लान में आपके पास एक से ज्यादा नॉमिनी बनाने का आॅप्शन रहता है. उदाहरण के तौर पर पति अपनी पत्नी और अपने पर निर्भर माता-पिता को क्लेम में नॉमिनी बना सकता है और इंश्योर्ड अमाउंट को दो हिस्सों में बांट सकता है.
एक्सीडेंट कवर का भी फायदा
टर्म इंश्योरेंस में एक्सीडेंटल कवर भी शामिल होता है. इसके तहत इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति की एक्सीडेंट में मौत हो जाने पर नॉमिनीज को एश्योर्ड अमाउंट दिया जाता है. वहीं अगर एक्सीडेंट में इंश्योरेंस लेने वाला टेंपरेरी या परमानेंट डिसेबिलिटी का शिकार हो जाए तो भी कवर मिलता है.
गंभीर बीमारी भी होती है कवर
टर्म प्लान के तहत गंभीर बीमारी के इलाज यानी क्रिटिकल इलनेस कवर को भी शामिल किया जा सकता है. ऐसे में इंश्योरेंस लेने वाले को प्लान के तहत उल्लिखित गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने पर वह वह एक निश्चित फंड हासिल कर सकता है. हालांकि इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि हर इंश्योरेंस कंपनी की गंभीर बीमारियों की परिभाषा अलग-अलग होती है. इसलिए पॉलिसी लेने से पहले इस बारे में जरूरी जानकारी हासिल करना न भूलें.
टर्मिनल इलनेस बेनिफिट
कुछ टर्म प्लान टर्मिनल इलनेस बेनिफिट भी देते हैं. इसके तहत इंश्योरेंस लेने वाले को अगर कोई ऐसी गंभीर बीमारी निकलती है, जिसमें वह अपनी आखिरी स्टेज पर है तो इंश्योरेंस कंपनी उसकी मौत से पहले ही इंश्योरेंस कवर का कुछ हिस्सा या पूरा भुगतान कर देती है.
प्रीमियम वेवर बेनिफिट
इंश्योरेंस लेने वालो के अक्षम हो जाने, गंभीर बीमारी हो जाने या टर्मिनल इलनेस से पीड़ित हो जाने पर कुछ टर्म प्लान के तहत इंश्योरेंस कंपनी आपके प्रीमियम का बोझ खुद उठाती है. ऐसे में पॉलिसी पेड अप पॉलिसी के तौर पर जारी रहती है.
प्रीमियम वापस पाने का भी प्लान
अगर आप अपने भुगतान किए गए प्रीमियम को वापस पाना चाहते हैं तो आपको प्रीमियम रिटर्न प्लान लेना होगा. इसमें अगर इंश्योरेंस लेने वाला निश्चित टर्म यानी अवधि पूरी होने तक जीवित रहता है तो कंपनी आपको प्रीमियम लौटा देती है. हालांकि इस प्लान के तहत आपको मिलने वाला एश्योर्ड अमाउंट रेगुलर टर्म प्लान से कम रहता है.
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