मुग़ल साम्राज्य का पतन
औरंज़ेब के पश्चात मुग़ल साम्राज्य क पतन हो गया। औरंगज़ेब के बाद आये मुग़ल शासक अयोग्य थे और दिल्ली सल्तनत का शासन ठीक ढंग से न चला पाए। इनमे से मुख्य कारण थे – 1. औरंगज़ेब की राजपूतों और हिन्दुओं के धार्मिक रीती रिवाज़ों के विरुद्ध नीतियां। 2. अयोग्य मुग़ल शासक। 3. उतराधिकार के लिए युद्ध। 4. मराठों की बढ़ती शक्ति। 5. हैदराबाद, बंगाल में अलग शासकों का उदय। 5. नादिर शाह अब्दाली और अहमद शाह अब्दाली का आक्रमण। 6. ब्रिटिश राज का आगमन।
आखिरी मुग़ल शासक —
बहादुर शाह I (1707 – 1712 AD )
मुग़ल साम्राज्य का उत्तराधीदारी औरंगज़ेब के बाद शाह आलम(Successor of Auranzeb was Shah Alam) हुआ।
उसका वास्तविक नाम बहादुर शाह (Bahadur Shah) था।
उसका राज्याभिषेक 1707 AD में लाहौर में हुआ।
बहादुर शाह को शाहे बेखबर (Shah-e- Bekhabar)के नाम से भी जाना जाता है।
बहादुर शाह की मृत्यु 1712 AD में हुई। `
बहादुर शाह को औरंगाबाद में औरंगज़ेब के मकबरे (Was Buried in Aurangabad)में दफनाया गया।
जहांदार शाह (1712 -1713 AD)
वह जुल्फिकार खान की मदद से सत्ता(Came to throne with the help of Zulfikar Khan) पर बैठा।
उसका वजीर जुल्फिकार खान था।
जहांदार शाह को लम्पट मुर्ख शासक (Puppet Mughal Emperor) कहा जाता है।
जहांदार शाह ने जज़ीए कर को हटाया।
पटवारी परीक्षा की तैयारी
फरुखशियर (1713-1719 AD)
फरुखशियर सईद बंधुओं की सहायता (Came to power with the help of Sayyad Brothers) से सत्ता पर बैठा।
हुसैन अली खान और अब्दुल खान को सय्यद बंधू(Sayyad Brothers) के नाम जाना जाता है।
भारतीय इतिहास में सय्यद बंधुओं को शासक निर्माता (Also called King Maker)कहा गया है।
सिख नेता बंदा बहादुर(Banda Bahadur) की हत्या फरुखशियर ने की।
अंग्रेज़ों को मुक्त व्यापार करने का अवसर फरुखशियर (Signed on the agreement with East India Company to have free trade in India) ने दिया।
मुग़ल साम्राज्य का सबसे कायर शासक(Coward Ruler of Mughal Empire) फरुखशियर को माना जाता है।
उसकी हत्या सय्यद बंधुओं (Killed by Sayyad Brothers) ने की।
मोहम्मद शाह (1719-48 AD )
वास्तविक नाम रोशन अख्तर था।
शासन के प्रति गैर ज़िम्मेदार और युवतियों की तरफ रुझान(He was pleasure- loving king and was nick named as Rangeela) के कारण मोहम्मद शाह को रंगीला भी कहा गया है।
मिश्र के राजा नादिरशाह ने मोहम्मद शाह को करनाल के युद्ध (1739 AD) में हराया था और मयूर सिंहांसन तथा कोहिनूर हीरा भारत से ले गया। नादिरशाह का सेनापति अहमद शाह अब्दाली था।
इसके शासन काल में चिन किलिच खान ने हैदराबाद (1724) की स्थापना की।
इसके शाशन काल में ही मुर्शिद कुली खान ने बंगाल (Murshid Quli Khan laid the foundation of Bengal) तथा सद्दट खान ने अवध राज्य (Awadh) को मुग़ल साम्राज्य से अलग कर अपने राज्य की स्थापना की।
अहमद शाह (1748-1754 AD)
अहमद शाह अब्दाली जो की नादिरशाह अब्दाली का सेनापति (General of Nadir Shah Abdali) था दिल्ली की तरफ बढा और मुग़लों से गए पंजाब और मुल्तान को छीन लिया।
आलमगीर II (1754-1759 AD)
आलमगीर II के शासन काल में आलमगीर ने दिल्ली को जीता तथा बाद में दिल्ली को मराठाओं ने जीता ।
शाह आलम II (1759-1806 AD)
नजीब खान ने दिल्ली को इतना ताकतवर बना दिया की शाह आलम II दिल्ली में लगभग 12 वर्ष काट नहीं आ पाया।
अकबर II (1806-1837AD)
अकबर II को ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से पेंशन (Pensioner of East India Company)मिलती थी।
अकबर II ने 1833 में अपनी पेंशन बढ़वाने के लिए राजा राम मोहन राय को इंग्लैंड भेजा।
बहादुर शाह II (1837-1857 AD)
बहादुर शाह II आखिरी मुग़ल शासक था।
बहादुर शाह II ने 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया था।
बहादुर शाह II को ज़फर (Adorned with the title of Zafar) की भी उपाधि दी गई।
अकबर II को विद्रोह करने पर उसकी पत्नी जीनत महल के साथ बर्मा के रंगून स्थित मांडले जेल में रखा गया जहाँ पर उसके मृत्यु हो गई।