- LOK SABHA – PARLIAMENT OF INDIA (लोकसभा- भारत की संसद)
- LOK SABHA( लोकसभा )
- List of distribution of Lok Sabha
- ( लोकसभा ) seats in the Indian states:-
- ELECTION OF LOKSABHA MEMBER
- TERM OF LOK SABHA ( लोकसभा कार्यकाल)
- QUALIFICATION OF THE MEMBERS OF LOK SABHA( लोकसभा )
- DISQUALIFICATION OR REMOVAL OF LOKSABHA ( लोकसभा )MEMBER
- SESSION OF LOKSABHA (अधिवेशन)
- SPEAKER OF LOKSABHA( लोकसभा )
- POWERS AND FUNCTIONS OF LOKSABHA(शक्तियां व् कार्य)
LOK SABHA – PARLIAMENT OF INDIA (लोकसभा- भारत की संसद)
भारत के संविधान के अंतर्गत केंत्रिय विधानपालिका(Central Legislature) को संसद कहा जाता है। संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार भारतीय संसद के दो सदन होंगे – राज्यसभा तथा लोकसभा(LOK SABHA)। इस प्रकार भारत में द्धिसदनात्मक(Bicameral) विधानपालिका की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त भारत का राष्ट्रपति भी भारतीय संसद में ही सम्मिलित है। पहले दोनों सदन किसी विधेयक (Bill) को पास करते हैं, फिर राष्ट्रपति उस पर हस्ताक्षर करता है और तब बाद में विधेयक अधिनियम बनता है।
LOK SABHA( लोकसभा )
- संघीय संसद के निम्न सदन (Lower House)को लोकसभा(LOK SABHA) कहा जाता है। इसके सदस्य जनसाधारण द्वारा निर्वाचित किये जाते हैं।
- आरम्भ में इसके सदस्यों की संख्या 500 निश्चित की गई थी। 1956 में इसे बढ़ाकर 520 कर दिया गया तथा 1963 में 14 वे संविधान संशोधन द्वारा इसे और बढा कर 525 कर दिया।
- 1973 में 31 वेें संविधान संशोधन द्वारा लोकसभा (LOK SABHA)के सदस्यों की कुल संख्या बढ़ाकर 545 कर दी गई, जिसमे से 525 सदस्य राज्यों द्वारा और 20 सदस्य केंद्रीय प्रशासित क्षेत्रों द्वारा चुने जाने की व्यवस्था की गई ।
- 1987 में एवं दीव पुनर्गठन क़ानून द्वारा लोकसभा के सदस्यों की संख्या बढ़ा कर 550 निश्चित की गई जिसमे 530 सदस्य राज्यों का और 20 सदस्य संघीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने की व्यवस्था की गई।
- अगस्त 2001 में पारित किये गए 91 वे संविधान संशोधन के अनुसार 2026 तक इस की संख्या में कोई भी वृद्धि नहीं की जा सकती।
List of distribution of Lok Sabha
( लोकसभा ) seats in the Indian states:-
States | Lok Sabha Constituencies/Seats |
1. Uttar Pradesh | 80 |
2. Maharashtra | 48 |
3. West Bengal | 42 |
4. Bihar | 40 |
5. Tamil Nadu | 39 |
6. Madhya Pradesh | 29 |
7. Karnataka | 28 |
8. Gujarat | 26 |
9. Rajasthan | 25 |
10. Andhra Pradesh | 25 |
11. Orissa | 21 |
12. Kerala | 20 |
13. Telangana | 17 |
14. Assam | 14 |
15. Jharkhand | 14 |
16. Punjab | 13 |
17. Chhattisgarh | 11 |
18. Haryana | 10 |
19. Jammu and Kashmir | 6 |
20. Uttarakhand | 5 |
21. Himachal Pradesh | 4 |
22. Arunachal Pradesh | 2 |
23. Goa | 2 |
24. Manipur | 2 |
25. Meghalaya | 2 |
26. Tripura | 2 |
27. Mizoram | 1 |
28. Nagaland | 1 |
29. Sikkim | 1 |
Total | 530 |
Union Territories | Constituencies |
1 . Delhi | 7 |
2 . Andaman and Nicobar Islands | 1 |
3. Chandigarh | 1 |
4. Dadra and Nagar Haveli | 1 |
5. Daman and Diu | 1 |
6. Lakshadweep | 1 |
7. Puducherry | 1 |
Total | 13 |
Grand Total | 543 |
ELECTION OF LOKSABHA MEMBER
- लयकसभा प्रतिनिधि राज्यों के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं। भारत के हर नागरिक को जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है और जिसे संविधान या विधि के उपबंधों के अनुसार अयोग्य नहीं ठहराया गया हो , मत देने का अधिकार है।
- 61 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1988 द्वारा मत देने की आयु की सीमा को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया था ।
- अगर आंग्ल – भारतीय समुदाय का लोकसभा में पर्याप्त प्रतिनिधितव न हो, तो राष्ट्रपति इस समुदाय के दो लोगों को नामी या उनका नाम निर्देशित कर सकता है।
- जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के लिए लोकसभा में सीटें आरक्षित की गई है परन्तु उनका निर्वाचन, निर्वाचन क्षेत्र के सभी मतदाताओं द्वारा किया जाता है।
TERM OF LOK SABHA ( लोकसभा कार्यकाल)
- लोकसभा(LOK SABHA) का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। किन्तु प्रधानमंत्री के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति के द्वारा लोकसभा को समय के पूर्व भी भंग किया जा सकता है।
- आपातकाल की घोषणा लागू होने पर संसद विधि द्वारा लोकसभा के कार्यकाल में वृद्धि कर सकती है जो एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं होगी।
QUALIFICATION OF THE MEMBERS OF LOK SABHA( लोकसभा )
- वह भारत का नागरिक हो।
- उसकी आयु काम से काम २५ वर्ष हो।
- उसमे सभी योग्यताएं हो जो संसद द्वारा निश्चित की गई हों।
- वह केंद्रीय सरकार अथवा राज्य सरकार के अधीन किसी लाभप्रद पद पर नियुक्त न हो।
- वह संसद अथवा किसी न्या
- न्यायालय द्वारा लोकसभा का सदस्य चुने जाने के अधिकार से दिया गया हो।
- वह दिवालिया या पागल न हो।
- उसे किसी गंभीर अपराध के कारण सजा न मिली हो।
- वह संसद द्वारा नियत किसी क़ानून के अधीन अयोग्य न ठहराया गया हो।
DISQUALIFICATION OR REMOVAL OF LOKSABHA ( लोकसभा )MEMBER
- वह संसद की आज्ञा के बिना ६० दिन से अधिक समय के लिए सदन की बैठकों में अनुपस्थित रहे।
- किसी न्यायालय द्वारा उसका चुनाव अवैध घोषित किया गया हो।
- यदि कसी सदस्य की योग्यता के बारे में किसी प्रकार का संदेह उत्पन्न हो जाये तो उसका निर्णय राष्ट्रपति करता है और राष्ट्रपति द्वारा किया गया निर्णय अंतिम होता है। परन्तु यह निर्णय राष्ट्रपति चुनाव आयोग के परामर्श पर करता है।
SESSION OF LOKSABHA (अधिवेशन)
लोकसभा और राज्यसभा के अधिवेशन राष्ट्रपति द्वारा ही बुलाये और सथाकित। सम्बन्ध में नियम केवल यह है की लोकसभा की दो बैठकों में 6 महीनों से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए।
SPEAKER OF LOKSABHA( लोकसभा )
- लोकसभा (LOK SABHA)स्वयं ही अपने सदस्यों अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का निर्वाचन करने है।
- इनका कार्यकाल लोकसभा के कार्यकाल तक अर्थात समय से पूर्व भंग न होने की स्थिति में 5 वर्ष का होता है परन्तु इस अवधि के अंदर अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष स्वेच्छा से अपने पदों से त्यागपत्र दे सकते हैं तथा उन्हें उनके पद से तत्कालीन समस्त सदस्य बहुमत से पारित संकल्प द्वारा हटा भी सकते हैं।
- अध्यक्ष की तरह, उपाध्यक्ष भी जब पीठासीन होता है, वह पहली बार मत नहीं दे सकता केवल मत बराबर होने की स्थिति में ही मतदान कर सकता है।
- अध्यक्ष या उपाध्यक्ष, पद धारण करते समय कोई अलग शपथ या प्रतिज्ञा नहीं लेता है।
- दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है।
POWERS AND FUNCTIONS OF LOKSABHA(शक्तियां व् कार्य)
- संविधान संशोधन सम्बन्धी शक्ति।
- राज्यसभा द्वारा पारित उपराष्ट्रपति की पद्चुय्ति के प्रस्ताव पर लोकसभा का अनुमोदन आवश्यक है।
- राष्ट्रपति दवरा की गई संकटकाल की घोषणा को एक माह के अंदर संसद से स्वीकृत होना आवश्यक है।
- लोकसभा तथा राज्यसभा मिलकर राष्ट्रपति तथा उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के विरुद्ध पद से हटाने का प्रस्ताव पास कर सकते हैं।
- धन विधेयक को केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है, राज्यसभा में नहीं।
- राज्यसभा, धन विधेयक को अस्वीकृत या संशोधित नहीं कर सकती। उसे इस विधेयक को सिफारिश या बिना सिफारिश के 14 दिन के भीतर लोकसभा को लौटना पड़ता है। लोकसभा, राज्यसभा की सिफारिशों को स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है। दोनों मामलों में इसे दोनों सदनों द्वारा स्वीकृत माना जाएगा।
- कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं, इसे बताने की अंतिम शक्ति लोकसभा अध्यक्ष के पास है।
- संयुक्त बैठक में लोकसभा ज्यादा संख्या से जीतती है सिवाय इसके की सत्तारुढ़ पार्टी के सदस्यों की संख्या दोनों सदनों में मिलाकर विपक्ष से कम हो।
- राज्यसभा सिर्फ बजट पर चर्चा कर सकती है, उसके अनुदानों की मांगों पर मतदान नहीं करती।
- राष्ट्रिय आपातकाल समाप्त करने का संकल्प लोकसभा दवारा ही पारित कराया जा सकता है।
Also read- Supreme Court of India, Attorney General of India,
Comptroller and Auditor General of India