Mars

MARS

MARS (मंगल)

  • मंगल ग्रह (Mars planet) को लाल ग्रह (Red Planet) के नाम से भी जाना जाता है ।
  • मंगल सौर मंडल का चौथा ग्रह(Fourth Planet) है और दूसरा सबसे छोटा ग्रह(Second Smallest Planet) है।
  • गैलीलियो(Galileo)) ने अपने टेलिस्कोप के द्वारा मंगल ग्रह(Mars) कि खोज कि थी।
  • इसका अंग्रेजी नाम Mars, एक रोमन देवता Mars, जो की युद्ध के देवता(Roman God of War) हैं के नाम के आधार पर रखा गया था।
  • ग्रीक (यूनान) देश में मंगल ग्रह को एरेस कहा जाता है।
  • इसके सतह पर आयरन ऑक्साइड(Due to the Abundance of Iron Dioxide it appears Red) काफी अधिक मात्रा में है जिसके कारण इसका रंग गहरा लाल है, अतः इसे लाल ग्रह (Red Planet) के नाम से भी जाना जाता है। पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है।
  • मंगल उन पांच ग्रहों में से एक है जिन्हें हम पृथ्वी की सतह से नंगी आंखों से देखा जा सकते हैं जैसे के Mercury, Venus आदि ।
  • मंगल का अपना चुम्बकीय क्षेत्र (No Magnetic Field)नहीं है।
  • मंगल ग्रह का वायुमंडल बहुत पतला है।
  • मंगल ग्रह की मिट्टी में लौह खनिज में जंग लगने के कारण यह लाल रंग का दिखाई देता है।
Mars Comparison with Earth

Rotation & Revolution of Mars

  • मंगल ग्रह का व्यास 6792 किलोमीटर है जो पृथ्वी के व्यास का आधे से थोडा ही ज्यादा है क्यूंकि पृथ्वी का व्यास 12750 किलोमीटर है।
  • मंगल ग्रह का आकार अंडाकार है तथा पृथ्वी के दिन के हिसाब से सूर्य कि परिक्रमा करने में मंगल 687 दिन लगाता है जो के पृथ्वी के लगभग 23 महीनो के बराबर होते हैं।
  • मंगल ग्रह पर एक दिन 24 घंटे 39 मिनट और 35 सेकंड के बराबर है।
  • मंगल का अक्षीय झुकाव 25.19 डिग्री है। यह पृथ्वी के अक्षीय झुकाव से अधिक है।
  • मंगल ग्रह पर पृथ्वी के समान ही ऋतुएं पाई जाती हैं परंतु उनकी अवधि दोगुनी होती है।
  • मंगल ग्रह पर धूल भरे तूफान आते रहते हैं और ये मंगल ग्रह को पूरी तरह घेर लेते हैं।
  • मंगल की पृथ्वी से औसत दूरी 140 million miles (225 million kilometers है ।
  • मंगल की सूर्य से औसत दूरी 228 million km (141.67 million mi) है ।

Geology of Mars

पृथ्वी की भूपर्पटी 40 किलोमीटर मोटी है, जबकि मंगल ग्रह की भूपर्पटी 50 से 125 किलोमीटर मोटी है।मंगल एक स्थलीय ग्रह है जो सिलिकॉन और ऑक्सीजन युक्त खनिजधातु और अन्य तत्वों को शामिल करता है जो आम तौर पर उपरी चट्टान बनाते है। मंगल ग्रह की सतह मुख्यतः थोलेईटिक बेसाल्ट की बनी है, हेमेटाईट और ओलीविन की स्थानीयकृत सांद्रता भी पायी गई है। अधिकतर सतह लौह ऑक्साइड धूल के बारीक कणों द्वारा गहराई तक ढंकी हुई है।

Satellite of Mars

Phobos
Phobos
  • मंगल ग्रह के दो चंद्रमा है फोबोस (Phobos) और डीमोस (Diemos) फोबोस डीमोस से बड़ा है। फोबोस का ग्रीक भाषा में अर्थ होता है “भय”(Fear)। इसलिये ग्रीक लोग मंगल को “भय का देवता” भी कहते थे। वह फोबोस उपग्रह को “शुक्र का बेटा” भी कहते थे।
  • विज्ञानिको का कहना है के फोबोस उपग्रह धीरे धीरे मंगल ग्रह की ओर झुक रहा है। यह 100 साल में मंगल की तरफ 1.8 मीटर झुक जाता है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि 5 करोड़ों साल में फोबोस मंगल से टकराएगा और टूट जाएगा। यह मंगल के चारों ओर एक घेरा (Ring) बना लेगा।
  • फोबोस उपग्रह पर गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का 1000 वां हिस्सा है। यदि पृथ्वी पर कोई वस्तु 90 किलोग्राम की है तो उसका वजन फोबोस पर 90 ग्राम होगा।

IMPORTANT FACTS ABOUT MARS

  • मंगल पर वातावरण का दबाव (Atmospheric Pressure)पृथ्वी की तुलना में बहुत कम है इसलिए वहां जीवन होने की कम संभावनाएं हैं।
  • मंगल ग्रह का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का एक तिहाई (1/3) है। इसका अर्थ है कि यदि मंगल पर कोई वस्तु या चट्टान गिरती है तो वह बहुत धीमी रफ्तार से गिरेगी।
  • मंगल ग्रह का औसत तापमान -55 डिग्री सेल्सियस है। सर्दियों के दिनों में यहां का तापमान -87 डिग्री सेल्सियस और गर्मियों में माइनस -5 डिग्री सेल्सियस हो जाता है।
  • सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिप्स मेसी एवं सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत “निक्स ओलिम्पिया ”(Nix Olympia) भी मंगल ग्रह पर स्थित है।
    यह पर्वत 24 किलोमीटर ऊंचा है जो की पृथ्वी पर स्थित माउंट एवेरेस्ट से तिन गुना ऊँचा है । यहां पर “वैलेस मैरीनेरिस” नाम की विशाल घाटी है। मंगल पर जीवन होने की संभावना है।
  • ऐसा माना जाता है कि एलियन जीवो का कपाल (खोपड़ी) मंगल ग्रह पर मिला था।
  • मनुष्य द्वारा बनाई गई 12 वस्तुएं मंगल ग्रह पर हैं।

MISSIONS TO MARS

मंगल ग्रह के लिए शुरू किए गए मिशन में से 1/3  मिशन ही सफल हुए हैं।

Mariner 9 नाम के कृत्रिम उपग्रह ने 13 नवंबर 1971 को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया था। इसने मंगल ग्रह की 7329 तस्वीरें ली थी और 349 दिनों के लिए यह मंगल की कक्षा में रुका था।

24 सितंबर 2014 को मंगल पर पहुंचने के साथ ही भारत विश्व में अपने प्रथम प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश तथा सोवियत रूस, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया है। इसके अतिरिक्त ये मंगल पर भेजा गया सबसे सस्ता मिशन भी है।भारत एशिया का भी ऐसा करने वाला प्रथम पहला देश बन गया, क्योंकि इससे पहले चीन और जापान अपने मंगल अभियान में असफल रहे थे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!